मित्रों ! क्या आपने कभी सोचा है कि आप इस दुनिया में क्यों आये हैं?
इस दुनिया में आने का आपका कोई उद्देश्य (Aim) है या फिर ऐसे ही बिना किसी वजह के इस धरती पर पटक दिए गए हैं?
यह बात तो सत्य है कि इस दुनिया में कोई भी घटना बिना किसी वजह के नहीं होती, जो भी होता है उसका कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है।
जब प्रत्येक घटना का कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है तो आपके इस दुनिया में आने के पीछे भी कोई न कोई उद्देश्य जरूर होगा।
क्या आपने अपने इस उद्देश्य के बारे में कभी सोचा है?
क्या आप जानना चाहते हैं कि आप इस दुनिया में क्या करने आये हैं?
यदि आप जानना चाहते हैं तो आइये और मेरे शब्दों के साथ आगे बढ़िए।
इस दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति केवल एक ही उद्देश्य और अधिकार (Right) के साथ पैदा होता है और वह है– सफलता प्राप्त करना। (Achieve success)
जी हाँ! हम सभी इस जगत में सफलता प्राप्त करने ही तो आये हैं।
सफलता प्राप्त करना हमारा उद्देश्य (Aim) है।
सफलता प्राप्त करना हमारा अधिकार (Right) है।
और सफलता प्राप्त करना हमारा कर्तव्य (Duty) भी है।
लेकिन अब आप यह सोचेंगे कि किस क्षेत्र में हमें सफलता मिल सकती है?
हम ऐसा क्या करें जिससे हमें सफलता मिल सके?
क्या ऐसा कोई मंत्र है जो हमें सफलता दिला सके?
दोस्तों! सफलता वह मंजिल नहीं है जिसे पाने के लिए हमारे आसपास के लोग हमसे कहते हैं और अपनी मर्जी को हम पर थोपते हैं बल्कि सफलता वह मंजिल (Target) है जिसे हम खुद पाना चाहते हैं और हम वह पाना चाहते हैं जो हमें अच्छा लगता है। हम उसे पाना चाहते हैं जिसमे हमें सुखद अनुभव होता है।
सच है दोस्तों! हमारी मंजिल (Goal) वही है जिसे प्राप्त करने में हमें आनंद (Happiness) का अनुभव हो। अतः आप अपनी मंजिल को किसी दूसरे के बताने से नहीं बल्कि खुद चुनिए।
फिर चाहे कोई भी और कितना भी आपका विरोध कर ले, कोई भी परेशानी पैदा कर ले, आप अपनी मंजिल तक पहुंच कर ही रहेंगे तब आपको कोई रोक नहीं सकता।
दोस्तों! एक बार, केवल एक बार अपनी मनपसंद मंजिल (Favorite goal) की ओर कदम बढ़ा कर तो देखिए!
एक बार अपने दिल की बात को सुनकर तो देखिए!
क्या कहता है आपका दिल?
शायद आपका दिल गाना गाने को कहता है लेकिन वास्तव में आप अपनी लाइफ में किसी के कहने पर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं।
शायद आपका मन फुटबाल खेलने को कहता है लेकिन आप अपनी फैमिली के कहने पर शतरंज खेल रहे हैं।
और जब आप अपने मनपसंद कार्य (Favorite work) को नहीं कर रहे हैं तो सफलता कैसे मिलेगी?
मिल ही नहीं सकती!
और अगर बिना मन की सफलता मिल भी गई तो जिंदगी भर ख़ुशी नहीं मिल पायेगी।
यदि सफलता को प्राप्त करना है तो अपने मन के सागर में गोता लगाओ यारों! और देखो कि आप अपनी जिंदगी में कौन सा रंग भरना चाहते हैं!
देखो कि आप अपनेआप को किस रूप में देखना चाहते हैं!
अपनी इच्छा (Desire) को और अपने सपने (Dream) को अपने मन के आईने के सामने रख कर तो देखो! बिलकुल साफ़ नजर आ जायेगा कि आप क्या चाहते हैं। आईना कभी झूठ नहीं बोलता और न ही कोई शंका (Doubt) पैदा करता है। जो जैसा है बिलकुल वैसा ही दिखाता है।
अपने उद्देश्य को जानो और चल दो अपनी मंजिल की ओर, जहाँ सफलता (Success) आपका इंतजार कर रही है।
आपको सफलता को प्राप्त करने के लिए समझौता (Compromise) नहीं करना है,
दूसरों की इच्छाओं को अपने ऊपर नहीं थोपना है!
आपको तो वह रास्ता चुनना है जो आपको आपकी मनपसंद मंजिल की ओर ले जाए।
आपको वहां जाना है जिसके लिए आप इस दुनिया (World) में आये हैं!
कमल के पापा कहते हैं कि हमारा बेटा तो बिगड़ गया है! पूरे दिन मोबाइल और लैपटॉप में लगा रहता है! लेपटॉप से ही शादी करा दो इसकी!
लेकिन क्या आप जानते है कि बहुत से लोग मोबाइल और लेपटॉप के जरिये ही लाखों रुपये हर महीने कमा रहे हैं।
अगर आपका मन भी ऐसी चीजों में लगता है तो आप इसे अपना कैरियर (Career) बना सकते हैं।
सोचिये अगर सचिन तेंदुलकर के पिता उसे सरकारी नौकरी करने की कहते तो क्या आज वह इतना नाम और पैसा कमा पाता?
शायद नहीं!
वह आज सफलता के जिस शिखर पर है तो उसका एक ही कारण है कि उसने वह किया जो वह खुद करना चाहता था।
उसने अपने मनपसंद कार्य को अपना कैरियर चुना।
अगर वह ऐसा नहीं करता तो क्या वह आज भारत का गौरव कहा जाता?
क्या उसे भारत रत्न मिल पाता?
शायद नहीं!
अतः यदि सफलता को प्राप्त करना है तो उठो, जागो और चल दो अपनी मनपसंद मंजिल की ओर और तब तक मत रुको जब तक सफलता प्राप्त न हो जाये।
आप अपने खुद के सपने को हकीकत बना दो, न कि दूसरों के थोपे गए सपनों को हकीकत बनाने की कोशिश करो।
क्या आप जानते हैं कि एक सफल व एक असफल व्यक्ति (Successful and failure person) में क्या सबसे बड़ी समानता होती है और क्या सबसे बड़ी असमानता होती है?
दोनों में सबसे बड़ी समानता यह होती है कि दोनों ही सपने देखते हैं।
लेकिन सबसे बड़ी असमानता यह होती है कि सफल व्यक्ति तो खुद के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सफलता की ओर कदम बढ़ा देता है जबकि एक असफल व्यक्ति दूसरों द्वारा उस पर थोपे गए सपनों के बोझ को लेकर उन्हें हकीकत में बदलने के लिए कोशिश करता है।
अतः दोस्तों! यह बात समझ लीजिए कि अपने मनपसंद सपनों (Favorite dream) को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाने से ही Success हासिल होती है और तभी हमारा इस दुनिया में आना सफल हो पाता है।
अपने जीवन के उद्देश्य (The purpose of life) को पहचानों और सफलता प्राप्त करने के अपने अधिकार को प्राप्त कर लो।
“हजारों लोग आये और हजारों लोग गए इस दुनिया से,
कुछ अपना नाम अमर कर गए और कुछ खाली हाथ चले गए।”बस यु ही
इस दुनिया में आने का आपका कोई उद्देश्य (Aim) है या फिर ऐसे ही बिना किसी वजह के इस धरती पर पटक दिए गए हैं?
यह बात तो सत्य है कि इस दुनिया में कोई भी घटना बिना किसी वजह के नहीं होती, जो भी होता है उसका कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है।
जब प्रत्येक घटना का कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है तो आपके इस दुनिया में आने के पीछे भी कोई न कोई उद्देश्य जरूर होगा।
क्या आपने अपने इस उद्देश्य के बारे में कभी सोचा है?
क्या आप जानना चाहते हैं कि आप इस दुनिया में क्या करने आये हैं?
यदि आप जानना चाहते हैं तो आइये और मेरे शब्दों के साथ आगे बढ़िए।
इस दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति केवल एक ही उद्देश्य और अधिकार (Right) के साथ पैदा होता है और वह है– सफलता प्राप्त करना। (Achieve success)
जी हाँ! हम सभी इस जगत में सफलता प्राप्त करने ही तो आये हैं।
सफलता प्राप्त करना हमारा उद्देश्य (Aim) है।
सफलता प्राप्त करना हमारा अधिकार (Right) है।
और सफलता प्राप्त करना हमारा कर्तव्य (Duty) भी है।
लेकिन अब आप यह सोचेंगे कि किस क्षेत्र में हमें सफलता मिल सकती है?
हम ऐसा क्या करें जिससे हमें सफलता मिल सके?
क्या ऐसा कोई मंत्र है जो हमें सफलता दिला सके?
दोस्तों! सफलता वह मंजिल नहीं है जिसे पाने के लिए हमारे आसपास के लोग हमसे कहते हैं और अपनी मर्जी को हम पर थोपते हैं बल्कि सफलता वह मंजिल (Target) है जिसे हम खुद पाना चाहते हैं और हम वह पाना चाहते हैं जो हमें अच्छा लगता है। हम उसे पाना चाहते हैं जिसमे हमें सुखद अनुभव होता है।
सच है दोस्तों! हमारी मंजिल (Goal) वही है जिसे प्राप्त करने में हमें आनंद (Happiness) का अनुभव हो। अतः आप अपनी मंजिल को किसी दूसरे के बताने से नहीं बल्कि खुद चुनिए।
फिर चाहे कोई भी और कितना भी आपका विरोध कर ले, कोई भी परेशानी पैदा कर ले, आप अपनी मंजिल तक पहुंच कर ही रहेंगे तब आपको कोई रोक नहीं सकता।
दोस्तों! एक बार, केवल एक बार अपनी मनपसंद मंजिल (Favorite goal) की ओर कदम बढ़ा कर तो देखिए!
एक बार अपने दिल की बात को सुनकर तो देखिए!
क्या कहता है आपका दिल?
शायद आपका दिल गाना गाने को कहता है लेकिन वास्तव में आप अपनी लाइफ में किसी के कहने पर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं।
शायद आपका मन फुटबाल खेलने को कहता है लेकिन आप अपनी फैमिली के कहने पर शतरंज खेल रहे हैं।
और जब आप अपने मनपसंद कार्य (Favorite work) को नहीं कर रहे हैं तो सफलता कैसे मिलेगी?
मिल ही नहीं सकती!
और अगर बिना मन की सफलता मिल भी गई तो जिंदगी भर ख़ुशी नहीं मिल पायेगी।
यदि सफलता को प्राप्त करना है तो अपने मन के सागर में गोता लगाओ यारों! और देखो कि आप अपनी जिंदगी में कौन सा रंग भरना चाहते हैं!
देखो कि आप अपनेआप को किस रूप में देखना चाहते हैं!
अपनी इच्छा (Desire) को और अपने सपने (Dream) को अपने मन के आईने के सामने रख कर तो देखो! बिलकुल साफ़ नजर आ जायेगा कि आप क्या चाहते हैं। आईना कभी झूठ नहीं बोलता और न ही कोई शंका (Doubt) पैदा करता है। जो जैसा है बिलकुल वैसा ही दिखाता है।
अपने उद्देश्य को जानो और चल दो अपनी मंजिल की ओर, जहाँ सफलता (Success) आपका इंतजार कर रही है।
आपको सफलता को प्राप्त करने के लिए समझौता (Compromise) नहीं करना है,
दूसरों की इच्छाओं को अपने ऊपर नहीं थोपना है!
आपको तो वह रास्ता चुनना है जो आपको आपकी मनपसंद मंजिल की ओर ले जाए।
आपको वहां जाना है जिसके लिए आप इस दुनिया (World) में आये हैं!
कमल के पापा कहते हैं कि हमारा बेटा तो बिगड़ गया है! पूरे दिन मोबाइल और लैपटॉप में लगा रहता है! लेपटॉप से ही शादी करा दो इसकी!
लेकिन क्या आप जानते है कि बहुत से लोग मोबाइल और लेपटॉप के जरिये ही लाखों रुपये हर महीने कमा रहे हैं।
अगर आपका मन भी ऐसी चीजों में लगता है तो आप इसे अपना कैरियर (Career) बना सकते हैं।
सोचिये अगर सचिन तेंदुलकर के पिता उसे सरकारी नौकरी करने की कहते तो क्या आज वह इतना नाम और पैसा कमा पाता?
शायद नहीं!
वह आज सफलता के जिस शिखर पर है तो उसका एक ही कारण है कि उसने वह किया जो वह खुद करना चाहता था।
उसने अपने मनपसंद कार्य को अपना कैरियर चुना।
अगर वह ऐसा नहीं करता तो क्या वह आज भारत का गौरव कहा जाता?
क्या उसे भारत रत्न मिल पाता?
शायद नहीं!
अतः यदि सफलता को प्राप्त करना है तो उठो, जागो और चल दो अपनी मनपसंद मंजिल की ओर और तब तक मत रुको जब तक सफलता प्राप्त न हो जाये।
आप अपने खुद के सपने को हकीकत बना दो, न कि दूसरों के थोपे गए सपनों को हकीकत बनाने की कोशिश करो।
क्या आप जानते हैं कि एक सफल व एक असफल व्यक्ति (Successful and failure person) में क्या सबसे बड़ी समानता होती है और क्या सबसे बड़ी असमानता होती है?
दोनों में सबसे बड़ी समानता यह होती है कि दोनों ही सपने देखते हैं।
लेकिन सबसे बड़ी असमानता यह होती है कि सफल व्यक्ति तो खुद के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सफलता की ओर कदम बढ़ा देता है जबकि एक असफल व्यक्ति दूसरों द्वारा उस पर थोपे गए सपनों के बोझ को लेकर उन्हें हकीकत में बदलने के लिए कोशिश करता है।
अतः दोस्तों! यह बात समझ लीजिए कि अपने मनपसंद सपनों (Favorite dream) को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाने से ही Success हासिल होती है और तभी हमारा इस दुनिया में आना सफल हो पाता है।
अपने जीवन के उद्देश्य (The purpose of life) को पहचानों और सफलता प्राप्त करने के अपने अधिकार को प्राप्त कर लो।
“हजारों लोग आये और हजारों लोग गए इस दुनिया से,
कुछ अपना नाम अमर कर गए और कुछ खाली हाथ चले गए।”बस यु ही
6 Comments
Vah Bro.... ����
ReplyDeleteमन प्रफुल्लित हो गया जी
ReplyDeletewaah
ReplyDeleteVery nice bat khi
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeletethank you
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