नमस्कार दोस्तों, एक बार फिर से स्वागत है न्यू आर्टिकल में आज ने बात करने वाला हूं जैसलमेर के डरावने गांव के बारे में जहां पर भूत होने की बात बताई जाती है कुछ समय पहले मुझे उस गांव में जाने का अवसर मिला तो प्रत्यक्ष वह गांव अपने इतिहास की गवाही देता है।
दुनिया भर में कई ऐसी जगह हैं जो अपने दामन में कई रहस्यमई घटनाओं को समेटे हुए उसमें से एक गांव है जो जैसलमेर के नजदीक में पड़ता है जिसका नाम है कुल तरह और यह गांव पिछले 170 साल से वीरान पड़ा है गांव में कुछ मकान है वहां पर बताया जाता है कि रात में डरावनी व परछाइयां नजर आती है और दिन की रोशनी में सब कुछ इतिहास किसी कहानी जैसा लगता है और शाम ढलते कुलधरा के दरवाजे बंद हो जाते हैं और दिखाई देती है सिर्फ और सिर्फ रुहानी ताकते और लोग कहते हैं कि रात के वक्त यहां आया हादसे की शिकार हो जाता है।
चलिए आपके साथ शेयर करते हैं कुलधरा की कहानी:--
दर्शन कुलधरा की कहानी शुरू हुई थी आज के करीब 200 साल पहले जब एक खंडहर में तब्दील नहीं हुआ था या फिर भी ठीक तो हरियाली लोग रहते थे शांतिपूर्ण तरीके से आसपास के 4 गांव पालीवाल ब्राह्मणों से आबाद हुआ करते थे लेकिन कुंदरा वह कैसी नजर लगी पता ही नहीं और वह शख्स था रियासत का दीवान सालम सिंह गांव के पुजारी की बेटी पर सालम सिंह के बुरी नजर पड़ी और वह उसकी जिद बन गई, सालम सिंह ने गांव वालों को शादी के लिए कुछ दिनों की मोहलत दी , फिर इस लड़ाई ने गांव की कुंवारी लड़की के सम्मान और गांव के हाथों सम्मान की बात कहते हुए गांव की चौपाल पर पालीवाल ब्राह्मणों की बैठक हुई जिसमें 5000 से ज्यादा परिवार ने अपने सम्मान के लिए रियासत सोने का फैसला ले लिया अगले श्यामपुर जिला कोसी विरान हुआ कि आज भी प्रिय ने उस गांव की सड़कों में दाखिल नहीं होते हैं।
फिर गांव आया हूं हनी तत्वों के कब्जे में कहते हैं कि गांव छोड़ते हो किस ब्राह्मणों ने उस जगह को श्राप दिया था जब से आजकल यह वीरान गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में है जोक सरिया आने वालों को अपनी मौजूदगी का अहसास करवाती है इस गांव में एक मंदिर और एक बावड़ी है जो आज भी श्राप से मुक्त है बताया जाता है कि शाम को वहा पर कुछ आवाजें सुनाई देती है लोग मानते हैं कि वह आवाज 18 वीं सदी का है जब पालीवाल ब्राह्मण थे उस से गुजरे थे!
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी तो उससे अर्जुन खींची और कमेंट करें बताइए।
0 Comments