प्रणाम का परिणाम आशीर्वाद ही होता है । (पितामह
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
भीष्म)
~~~~
आज महाभारत देखते समय विचार उठा कि " यदि दुर्योधन ने भी युधिष्ठिर के पैर छू लिये होते तो क्या युधिष्ठिर भी विजयी भव का आशीर्वाद देते ?"
यदि ऐसा हो जाता तो आशीर्वाद , आशीर्वाद को काट देता ; तब युद्ध में जीत किसकी होती ?
फ़िर उत्तर भी मिल गया ।
यदि दुर्योधन ने भी अहंकार हटाकर युधिष्ठिर के पैर छू लिये होते ; तो युद्ध होता क्या ?
युद्ध के लिए एक पक्ष को अहंकारी होना ही पड़ेगा न ?
शैलेन्द्र कुमार संखधर
0 Comments