प्रणाम का परिणाम आशीर्वाद ही होता है । (पितामह

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प्रणाम का परिणाम आशीर्वाद ही होता है । (पितामह

प्रणाम का परिणाम आशीर्वाद ही होता है । (पितामह
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 भीष्म)
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आज महाभारत देखते समय विचार उठा कि " यदि दुर्योधन ने भी युधिष्ठिर के पैर छू लिये होते तो क्या युधिष्ठिर भी विजयी भव का आशीर्वाद देते ?" 

यदि ऐसा हो जाता तो आशीर्वाद ,  आशीर्वाद को काट देता ; तब युद्ध में जीत किसकी होती ?

फ़िर उत्तर भी मिल गया । 

यदि दुर्योधन ने भी अहंकार हटाकर युधिष्ठिर के पैर छू लिये होते ; तो युद्ध होता क्या ?

युद्ध के लिए एक पक्ष को अहंकारी होना ही पड़ेगा न ?

शैलेन्द्र कुमार संखधर


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