■ ■युवा दिवस पर आपको यह जानना चाहिए...■■
अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की थी 1492 में...ख़ोज के 400 वर्षों बाद ... शताब्दी वर्ष की याद में .. 11 सितंबर,1893 को शिकांगों के फुलटर्न हॉल में विश्व धर्म संसद का आयोजन प्रारम्भ हुआ...
सभी धर्मों के प्रतिनिधि अपने अपने धर्मों का "स्वागत भाषण" दे रहे थे.... स्वामी विवेकानंद जी स्वागत भाषण तैयार नहीं करके गए थे.... JH बोर्रो जो कि धर्म संसद के चैयरमेन थे... उनसे विवेकानंद जी ने आग्रह किया कि उनका समय दोपहर का किया जाए.... विवेकानंद जी का भाषण समय प्रातः सत्र से दुपहर पश्चात सत्र में कर दिया.... विवेकानंद जी ने माँ सरस्वती वंदना के साथ अपना भाषण आरम्भ कर दिया.... प्रारम्भ शब्द थे "Sisters and Brothers of America".... ये शब्द अमेरिकी नागरिकों के दिल में घर कर गए...दो मिनट तक निरन्तर तालियां बजती रही उसके बाद भाषण आरम्भ हुआ...
15 सितंबर को विवेकानंद जी का दूसरे सत्र का भाषण आरम्भ हुआ... विषय था "Why We Disagree"... जिसमें धर्म,समुदाय औऱ व्यक्तियों के मध्य की असहमतियों का वर्णन किया गया....19 सितंबर को विवेकानंद जी ने " हिन्दुत्व" पर अपना तीसरा भाषण दिया....20 सितंबर को चौथा भाषण हुआ... जिसमें कहा गया की ईसाई देश धर्म प्रचार हेतु निरंतर मिशनरियों को भेज रहे हैं... और धर्म, भारत की आवश्यक जरूरत नहीं है...26 सितंबर को अपने पांचवे भाषण में आपने "हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म की सम्बन्धता" पर अपने विचार रखें और 27 सितंबर को अपना छठवां व आखिरी भाषण दिया.... जिसमें उनके आख़िरी लफ़्ज़ थे " हेल्प एंड नोट फाइट अर्थात सहायता करो लड़ो नहीं"..... इस प्रकार विवेकानंद जी ने हिन्दू धर्म को विश्व पटल पर स्थापित किया...👍
उनकी याद में 12 जनवरी,1984 को भारत सरकार ने "राष्ट्रीय युवा दिवस" मनाने का निर्णय लिया... औऱ 1985 से सतत रूप से युवा दिवस मनाया जा रहा है....आप सभी युवाओं को इस महान दिवस की शुभकामनाएं.... विवेकानंद जी के आदर्शों पर चलें ऐसी मेरी शुभेच्छा...☺️☺️
सलंग्न: फुलटर्न हॉल के सीढ़ियों की तस्वीरें, जिन पर वर्ष 2017 में जितिष कलात ने सम्पूर्ण भाषण को त्रिविमय रूप से उकेरा है।
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