!! दो साल बाद आज से फिर गुंजायमान होगी भक्ति व देशभक्ति की रसधार !!
भजन सम्राट श्री प्रकाशजी माली एक गायक और संगीतकार दोनों के रूप में राजस्थानी संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए लोकप्रिय हैं। उनके कुछ लोकप्रिय भजन, देशभक्ति गीत/राष्ट्रवाद से ओतप्रोत भजनों में 'मरूधर में ज्योत जगा गया', 'बाबा रामदेवजी की जीवनी से संबंधित भजन', 'महाराणा प्रताप कठै' जय धरती मां, जय गौमाता, पन्नाधाय और कई भजन व देशभक्ति कविताएं शामिल हैं जिनका बखान करना भी कम होगा।
बाड़मेर के छोटे से शहर बालोतरा से वर्ष 1999 से मंदिरों में होने वाले छोटे-बड़े भजनों के कार्यक्रम में साउंड (एम्पलीफायर) लगाने के रोजगार से जीवन की शुरूआत कर, स्वयं की लग्न से भजन गायन शुरू किया, ओर धीरे धीरे कोयले जैसी मिठी आवाज समाज के हर वर्ग को आकर्षित कर दिया। तत्कालीन समय में बालोतरा में रिकॉर्ड के संसाधनों की कमी के चलते जोधपुर शहर में रिकार्डिंग के लिए आना पड़ता था, प्रकाशजी स्वयं के भजनों को रिकार्ड करवाने के लिए कई बार जोधपुर पहुंचे, लेकिन बड़े गायकों की स्टूडियों में पूर्व में चल रही रिकार्डिंग के कारण उनको जगह नहीं मिल पाती ओर सुबह से शाम तक समय निकल जाता था। मां सरस्वती को अपने लाडले की आवाज को आगे बढाना था ओर वर्ष 2003 में "खुरमुर खुरमुर पंगलियां बाजे कौन जीनावर जान" भजन की कैसेट रिकार्डिंग होकर जैसे ही बाजार में आई तो एक बार तहलका मच गया। संपूर्ण मारवाड़ में कैसेट की मांग बढ गई ओर प्रकाश का उज्जाला चारों तरफ फैल गया।
कुछ समय बाद अंतरप्रांतीय राजस्थान का कुंभ कहलाने वाले बाबा रामदेवजी का भादवा मेला आ गया ओर एक से बढकर एक कैसेट प्रकाश जी की मार्केट में आई ओर मारवाड़ से निकलकर आवाज देशभर में पहुंच गई। मारवाड़ के बड़े कलाकारों ने प्रकाशजी को आशीर्वाद दिया ओर आशीर्वाद के फल से भजनों के साथ-साथ देशभक्ति कविताओं को संगीत के माध्यम से गायन की सोची।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक होने के नाते वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने महाराणा प्रताप कठै कविता को गाने के लिए प्रेरित किया ओर प्रकाशजी ने स्वयं की कंपनी मालानी म्यूजिक के बैनर तले उसका गायन किया ओर यह कविता देश व विदेश में बैठे हर व्यक्ति के कानों तक पहुंच गई ओर प्रकाश जी को एक बड़ा स्तम्भ मिल गया।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के मंच पर दो बार गायन करने वाले प्रकाश जी माली ने कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले भजन गायन को कुछ समय के लिए विराम देने की घोषणा की तो देशभर के प्रशंसकों/शुभचिंतकों ने विरोध किया ओर आक्रोश जताया, लेकिन कोविड महामारी की सरकारी गाइडलाइंस के कारण भीड़ व सार्वजनिक आयोजन पर रोक लग गई, सोशल मीडिया पर कुछ समय तक प्रकाश जी ने प्रशंसकों को भजन सुनाये ओर एक दिन बैठे बैठे कुछ अलग करने का मानस बनाकर मालाणी फूड्स नाम से ही विशाल वटवृक्ष को खड़ा कर दिया, जिसका अब काम शुरू हो गया।
दो साल बाद आज पुनः शेखावाटी सीकर की धरती पर शिक्षा के विशाल मंदिर सीएलसी के विजयग्राउंड से लाभ पंचम पर भजन गायन की शुरूआत हो रही है, उसके लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.....जय श्री राम, जय बाबा री💐💐💐💐💐💐
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