प्रकाश माली जी का जीवन परिचय राजस्थानी गायक प्रकाश माली जी को आज कोन नहीं जानता है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे, प्रकाश माली जी का जीवन परिचय. और उनके जीवन से जुडी कुछ खास बातें. दोस्तों सामान्य से परिवार से आने वाले प्रकाश माली का जन्म बाड़मेर के पास छोटे से गाँव शिवकर में हुआ था. उनके जन्म के तीन साल बाद ही उनके पिताजी पुरे परिवार सहित बालोतरा में आ गए थे. उनके परिवार में उनके माता पिता, उनके दो छोटे भाइयो का परिवार और उनकी पत्नी व दो बच्चे है. दोस्तों बचपन में जब प्रकाश जी माली स्कूल में पढ़ते थे, तब से ही उन्हें गायन का बहुत शोक था. स्कूल में होने वाली प्रार्थना को वे बड़े ही चाव से गाते थे. विद्यालय स्तर, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर होने वाली गायन प्रतियोगिताओ में उन्होंने हमेशा नाम कमाया है. और हर बार प्रथम ही आये थे.
प्रकाश माली का जीवन परिचय धीरे धीरे उन्हें पढाई से ज्यादा संगीत में रूचि होने लगी. जब उन्होंने दसवी पास कर ली थी, तब तब वो और ज्यादा भजन गायन पर ध्यान देने लगे. लेकिन इनके पिताजी को यह सब पसंद नहीं था. क्योकि उस समय भजन गाने वाले और जागरण करने वाले लोगो का घर बहुत मुस्किल से चलता था. इतनी आमदनी नहीं थी. लेकिन प्रकाश जी माली कहाँ मानने वाले थे. जब रात को उनके पिताजी सो जाते थे तो वह चुपके उठकर जागरण और भजन संध्या में चले जाते थे. इतना प्यार था उन्हें संगीत से। दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक बार पिताजी के डांटने पर वह गुस्सा होकर साइकल से ही 100 किलोमीटर दूर अपने गाव अपने दादाजी के पास चले आये थे. प्रकाश जी माली ने उस समय में जीवन यापन करने के लिए एक सीडी की दूकान भी लगाईं थी. पर वह ज्यादा समय तक चल नहीं पाई थी, क्योकि उनका दिमाग हमेशा संगीत में रहता था. लोगो का कहना है की प्रकाश जी माली ने संगीत के क्षेत्र में आने के लिए बहुत संघर्ष किया है. पर परकाश माली जी का कहना है की इन्होने इतना ज्यादा संघर्ष तो नहीं किया. जितनी इन्होने मेहनत की उतनी सफलता इन्हें मिलती गयी. दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रकश जी माली ने कभी किसी से संगीत नहीं सिखा. जो भी गाया है अपने मन से गाया है. और लोगो को इनका संगीत बहुत ज्यादा पसंद भी आया है. प्रकाश जी माली अपना आदर्श मोईनुद्दीन मनचला जी को मानते है.
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